अयोध्या, 12 मार्च 2023। IPS प्रवीण कुमार (Praveen Kumar) को अयोध्या रेंज में नया इंस्पेक्टर जनरल बनाकर भेजा गया है। प्रवीण कुमार की कार्यशैली उन्हें उत्कृष्ट अधिकारियों में से एक बनाती है। वे कभी भी सत्ता के प्रभाव में नहीं आए।
भाजपा सरकार में उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कमान सौंपी गई थी। उन्होंने काम को प्राथमिकता दी और उसका लाभ भी मिला। अयोध्या में राम मंदिर विवाद में हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक पुलिस प्रमुख के रूप में कानून व्यवस्था संभालने वाले वे अकेले पुलिस विभाग के अधिकारी हैं।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में शिव कुमार त्रिपाठी के परिवार में 26 जून 1972 को जन्में प्रवीण कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इंजीनियरिंग में बीएससी ऑनर्स प्रवीण कुमार एक अच्छे आईपीएस के साथ वकील भी हैं।
उन्होंने एलएलबी के साथ-साथ एलएलएम मास्टर में भी महारत हासिल की है। आईपीएस प्रवीण कुमार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मनःस्थिति की अच्छी समझ रखते हैं। उनका अधिकांश कार्यकाल यहीं रहा है। प्रवीण कुमार मुजफ्फरनगर, गौतम बुद्ध नगर और लखनऊ जैसे प्रमुख जिलों में एसएसपी रह चुके हैं। इन जिलों में उनका कार्यकाल सराहनीय रहा।
साल 2007 में राज्य में बसपा की सरकार आने के बाद साल 2009 में प्रवीण कुमार मुजफ्फरनगर के एसएसपी बने। उन्होंने सबसे लंबे समय तक पोस्टिंग का रिकॉर्ड बनाया। वह यहां दो साल से अधिक समय तक तैनात रहे।
उनके कार्यकाल के दौरान अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला सुनाया गया । यह फैसला आने से पहले ही मुजफ्फरनगर में एसएसपी के रूप में प्रवीण कुमार ने जनता के बीच पहुंचकर आपसी सौहार्द स्थापित किया। जगह-जगह दोनों समुदायों के जिम्मेदार लोगों की कमेटियां बनीं और जब 2010 में हाईकोर्ट का फैसला आया तो गुस्से की जगह मुजफ्फरनगर में सौहार्द्र देखने को मिला।
यह इत्तेफाक ही है कि इस फैसले के करीब 9 साल बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो प्रवीण कुमार लखनऊ में आईजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने राज्य में और अयोध्या में कानून व्यवस्था स्थापित करने का काम किया।
वर्ष 2012 में उनका मुजफ्फरनगर से तबादला कर दिया गया और वे गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी बने। इसके बाद, उन्हें फिर से मुजफ्फरनगर के कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया। 2013 में जब कवाल कांड के बाद यहां सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रवीण कुमार पर भरोसा जताया था।
उन्हें मुजफ्फरनगर में शांति स्थापित करने के लिए भेजा गया था। यहां प्रवीण कुमार ने लोगों के बीच जाकर भरसक प्रयास शुरू किया लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और स्वास्थ्य कारणों से उन्हें यहां से जाना पड़ा। बाद में 2014 में, उन्हें एसएसपी लखनऊ के रूप में नियुक्त किया गया।
13 जनवरी 2015 को प्रवीण कुमार को डीआईजी के पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद 2016 में उन्हें फिर डीआईजी लखनऊ के पद पर पदस्थापित किया गया। यहां बाद में वे डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर बने। इस पद पर रहते हुए, उन्हें 1 जनवरी, 2019 को आईजी के पद पर पदोन्नत किया गया और आईजी लॉ एंड ऑर्डर के रूप में जारी रखा गया।
इस पद के बाद से वे 13 जनवरी 2020 को मेरठ रेंज आईजी के पद पर तैनात किये गए। यहां 17 जनवरी 2020 को उन्होंने यह पद संभाला। वह वर्तमान में आईजी मेरठ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब उन्हें इसी पद पर अयोध्या भेजा गया है।
उनका कहना है कि महिला अपराध और कानून व्यवस्था उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 11 मार्च 2023 को 8 आईपीएस के तबादले में आईपीएस प्रवीण कुमार को नया इंस्पेक्टर जनरल बनाकर अयोध्या रेंज भेजा गया है।
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