दुनिया का सबसे अनोखा अनुष्ठान होगा रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम

08-January-2024

अयोध्या। 22 जनवरी 2024 को रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान दुनिया का सबसे अनोखा अनुष्ठान होगा। इस अनुष्ठान में चाहे पूर्व हो, पश्चिम हो, उत्तर हो या दक्षिण, देश के चारों कोनों से आचार्य भाग लेंगे और आहुति देंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए काशी से रुद्राक्ष की माला और इंडोनेशियाई गोमुखी मंगाई भेजी जा रही है। इस माला से प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंत्र जाप किए जाएंगे।


अयोध्या के एक आचार्य ने बताया कि 151 इंडोनेशियाई रुद्राक्ष की मालाएं काशी से आ रही हैं। इसके साथ ही 151 गोमुखी भी आएंगी, जिनमें मालाएं रखकर जाप किए जाएंगे। पूजा के लिए वाराणसी से 151 पान के पत्ते और मेहमानों में बांटने के लिए एक हजार पान के पत्ते भेजे जा रहे हैं। पान के पत्ते के बिना धार्मिक अनुष्ठान पूरे नहीं होते। पान के भीतरी और बाहरी हिस्से में भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है।


इसके अलावा, पूजा की थाली, लोटा, सिंहासन, पीतल की घंटियां, हाथ की घंटियां, कुश, छत्र, चंवर, पूजा और डोलची भी काशी से आ रही हैं। माला समेत सभी चीजें 15 जनवरी 2024 को अयोध्या पहुंच जाएंगी। संस्कृति विभाग ने 14 जनवरी से अगले महीने तक अयोध्या में आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई है।


1111 शंख बजाते हुए एक एल्बम रिकॉर्ड करने की तैयारी चल रही है। माहौल राममय बनाने के लिए देश के प्रमुख भजन एवं गीत गायक कई दिनों तक प्रस्तुति देंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों का निरीक्षण करने अयोध्या पहुंचे राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने रविवार 7 जनवरी को पूरे दिन निर्माण कार्य की प्रगति देखी। सबसे पहले उन्होंने निर्माणाधीन राम जन्मभूमि मार्ग का निरीक्षण किया।


सुविधा केंद्र और बैगेज स्कैनर के निर्माण की धीमी गति से यात्री नाराज थे। उन्हें रामजन्मभूमि मार्ग पर सुरक्षा उपकरणों की स्थापना और अन्य कार्य सात दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब सभी प्रकार के निर्माण कार्य रात में ही करने होंगे। उन्होंने ट्रस्ट के अधिकारियों और कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ बैठक भी की। उन्हें बताया गया कि रामजन्मभूमि मार्ग पर 35 सीसीटीवी कैमरे, बोलार्ड व बैरियर लगाए गए हैं।


नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला 21 जनवरी 2024 को नए मंदिर पहुंचेंगे। उस दिन भक्त दर्शन नहीं कर पाएंगे। यह जानकारी ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को दी जाएगी। अचल प्रतिमा को स्वर्ण सिंहासन पर कमल के आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। ठीक सामने रामलला अपने चारों भाइयों के साथ स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होंगे। दोनों प्रतिमाओं की प्रतिदिन पूजा की जाएगी।


रामलला पंचकोसी भ्रमण करेंगे। वह प्रमुख मंदिरों के दर्शन भी करेंगे। स्नान विभिन्न नदियों के जल से कराया जायेगा। अभी यह तय नहीं है कि यह स्नान सरयू तट पर होगा या मंदिर में। मंदिर में पांच मंडप हैं। तीन मंडपों में साधु-संतों के बैठने की जगह होगी। दो मंडपों में कुर्सियां लगाई जाएंगी।

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