खालिस्तानी आतंकी मामले में भारत के साथ आया रूस, अमेरिका को लगाई लताड

09-May-2024

मास्को । खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में रूस, भारत के बचाव में उतर आया है। उसने पन्नू की हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में भारत पर लगातार निराधार आरोप लगाने के लिए अमेरिका को आड़े हाथों लिया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वाशिंगटन ने अभी तक इस मामले में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है। 


रूसी विदेश मंत्रालय की मारिया जखारोवा ने बुधवार 8 मई 2024 को कहा, हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार पन्नू नामक किसी व्यक्ति की हत्या के प्रयास की साजिश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने की कोई भरोसेमंद जानकारी या सबूत पेश नहीं किया है। सबूत के अभाव में इस विषय पर अटकलें अस्वीकार्य हैं।


जाखारोवा ने आगे कहा कि अमेरिका भारत के खिलाफ लगातार झूठे आरोप लगा रहा है। उसे भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ नहीं है। क्योंकि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में निराधार आरोप लगाता रहता है। वाशिंगटन की कार्रवाई स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। जहां तक पन्नू की हत्या की साजिश की अटकलों का सवाल है, चूंकि कोई सबूत नहीं है, इसलिए यह स्वीकार्य नहीं है। अमेरिका एक देश के रूप में भारत का सम्मान नहीं कर रहा है।


उन्होंने कहा कि धार्मिक आजादी के उल्लंघन की बात अमेरिका की भारत की राष्ट्रीय मानसिकता को लेकर कमजोर समझ और संप्रभु देश के तौर पर भारत के प्रति अनादर को दर्शाती है। रूसी अधिकारी ने कई अन्य देशों के खिलाफ गलत आरोप लगाने के लिए अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मामलों में वाशिंगटन से अधिक दमनकारी शासन की कल्पना करना कठिन है। 


उन्होंने आगे कहा, यह सिर्फ भारत पर लागू नहीं होता है। अमेरिका का मकसद भारत के आंतरिक राजनीतिक हालात में गड़बड़ी पैदा करना है, जिससे आम चुनाव बाधित किए जा सकें। यह भारत के अंदरूनी मामलों में दखल का हिस्सा है।


क्या है पन्नू मामला


अमेरिका के न्याय विभाग के अनुसार, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक हैं। 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक में गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब चेक रिपब्लिक से निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पण किया जाएगा।


अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि भारत के एक सरकारी अधिकारी, जिसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है, वह निखिल गुप्ता और अन्य उस सरकारी अधिकारी के संपर्क में था। ये लोग अमेरिका में एक राजनीतिक कार्यकर्ता गुरुपतवंत सिंह पन्नू, जो भारतीय मूल का है और अमेरिकी नागरिक है, उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे।


पिछले महीने द वाशिंगटन पोस्ट ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पन्नू को मारने की कथित साजिश के संबंध में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के एक अधिकारी का नाम लिया था। रॉ अधिकारी विक्रम यादव ने पन्नू को मारने के लिए एक हिट टीम बनाई थी। 


इस रिपोर्ट को भारत ने खारिज कर दिया था। साथ ही आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर भारतीय जांच के नतीजों का इंतजार कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और हमें लगता है कि भारत को भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए। 


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