उमाशंकर पांडेय के जल संरक्षण विधि से बंजर भूमि में लहलहाई फसलें, मिला पदमश्री अवार्ड

06-April-2023

बांदा, 6 अप्रैल 2023 । देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में 5 अप्रैल 2023 को जब जल संरक्षणवादी उमाशंकर पांडेय को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू में पदमश्री अवार्ड प्रदान किया तो उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की धरती खुशी से झूम उठी।


उमाशंकर पांडेय बुंदेलखंड की धरती पर आने वाले बांदा जिले के मूल निवासी हैं। उनका घर बांदा जिले के विकासखंड महुआ के अंतर्गत जखनी गांव में है। इस गांव में पानी का अभाव था। पानी न होने के कारण खेत सूखे पड़े थे और फसलें नहीं हो पा रही थीं। इससे पूरा गांव भुखमरी का शिकार था और गांव के लोग वहां से पलायन करने लगे थे। खुद उमाशंकर पांडेय के खेतों में भी उपज ना होने के कारण परिवार के लोग फांकाकशी को मजबूर थे।


गांव वालों और परिवार की परेशानी को देखकर उमाशंकर पांडेय ने खुद इसका समाधान प्राकृतिक रूप से खोजने का बीड़ा उठाया। उन्होंने पहले अपने खेत में बरसात का मौसम आने से पहले मेड बनाएं और उन खेतों में छोटे छोटे तालाब बनाए। जब बरसात का पानी इन तालाबों में रुका तो उन्होंने खेत की मेड़ों पर दलहनी फसल अरहर के पेड़ बोए।


इसका परिणाम यह हुआ की खेतों में फिर से फसलें लहलहाने लगीं। मेड़ों पर दलहनी फसलों के पेड़ लगाने से उसकी पत्तियां झड़ कर खेत में आती और उससे उर्वरक तैयार हो जाती। इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ गई। उमाशंकर पांडेय ने धीरे-धीरे जखनी गांव के प्रत्येक परिवार से मिलकर खेतों में यह विधि अपनाने के लिए प्रेरित किया।


उमाशंकर पांडेय की बातों को मानकर गांव के हर परिवार के लोगों ने अपने खेतों में यह प्रयोग शुरू किया और देखते ही देखते पूरे गांव के खेतों में फसलें लहलहाने लगीं। इसका नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2022 में पहली बार जखनी गांव में इतना धान उत्पादन हुआ कि उसको खरीदने के लिए जिला प्रशासन को वहां क्रय केंद्र खोलना पड़ा। उमाशंकर पांडेय के इस प्रयासों की जानकारी होने पर केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 2023 का पद्मश्री अवार्ड देने का फैसला लिया।


5 अप्रैल 2023 को राष्ट्रपति भवन में उमाशंकर पांडेय को पदम श्री अवार्ड प्रदान किया गया। इतना ही नहीं केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने उमाशंकर पांडेय के जखनी गांव मॉडल की अवधारणा को पूरे देश में लागू करने का फैसला लिया है। उमाशंकर पांडेय को पद्मश्री अवार्ड मिलने से बुंदेलखंड की धरती के साथ ही विशेष रूप से जखनी गांव का हर नागरिक बेहद खुश नजर आ रहा है। दिल्ली से लौटने पर बांदा जिले में उनके भव्य स्वागत किए जाने की तैयारी चल रही है। 

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