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छत्तीसगढ़ की जीडीपी ने पकड़ी रफ्तार, झारखंड और उत्तराखंड को पीछे छोड़ा

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छत्तीसगढ़ की जीडीपी ने पकड़ी रफ्तार, झारखंड और उत्तराखंड को पीछे छोड़ा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव सास ने ट्वीट कर प्रदेशवासियों को बधाई दी

रायपुर, 17 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ की प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी विकास ने झारखंड और उत्तराखंड को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया है। छत्तीसगढ़ के प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी विकास पर सीएम साय ने ट्वीट किया है। सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो जारी कर प्रदेशवासियों को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने लिखा- प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी के विकास में है निरंतर अग्रसर, झारखंड और उत्तराखंड से आगे निकला हमारा छत्तीसगढ़, समस्त प्रदेशवासियों को बधाई! मुख्यमंत्री ने बैक टू बैक 11 टवीट कर छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की सराहना की है। 

उन्होंने लिखा-हमारी सरकार नई औद्योगिक नीति से युवाओं के लिए अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक रोजगार सृजित कर उनके बेहतर भविष्य हेतु प्रतिबद्ध है। प्रदेश की युवाशक्ति को रोजगार कुशल बनाने, हमने कौशल विकास के लिए युवाओं को 15,000 रुपये प्रतिमाह तक के प्रशिक्षण अनुदान देने का प्रावधान किया है।

हमारी सरकार नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में अग्निवीर, नक्सल पीड़ित परिवारों और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए अतिरिक्त रियायतें और आर्थिक सहयोग देगी। छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता को निखारते हुए, पर्यटन को एक सशक्त उद्योग के रूप में विकसित किया जाएगा।

इसके साथ ही, रिसर्च, इंजीनियरिंग और मनोरंजन जैसे उद्योगों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। नई औद्योगिक नीति से जगदलपुर में औद्योगिक क्षेत्र का समुचित विकास होगा।

यहां 118 एकड़ भूमि पर आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से हमारी सरकार बस्तर अंचल के क्षेत्रीय आर्थिक विकास को नई दिशा और गति प्रदान करेगी। छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की नई औद्योगिक नीति में विशेष पैकेज से स्थानीय उद्यमियों को मिलेगा प्रोत्साहन।

15 लाख के सौदे में रजिस्ट्री शुल्क 40 हजार

छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदी में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब किसी भी प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री गाइड लाइन दर के अनुसार ही होगी। अगर आप 15 लाख की प्रापर्टी खरीदते है तो भी रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख के अनुसार चार प्रतिशत यानि 40 हजार रुपये लगेगा।

यानि प्रापर्टी खरीद-बिक्री की सौदे की राशि अधिक भी है तो भी रजिस्ट्री शुल्क गाइडलाइन दर के अनुसार होगी। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक लोन लेकर संपत्ति खरीदते हैं।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक लोन लेने में सहूलियत होगी। साथ ही यह निर्णय संपत्ति बाजार में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा और इससे वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।