भगवान शिव और राम के भक्त हैं छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर

17-November-2022

विधानसभा चुनाव 2018 में कवर्धा सीट से सर्वाधिक वोटों के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले मोहम्मद अकबर भूपेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। मोहम्मद अकबर पिछले 25 सालों से कवर्धा जिले में ही राजनीति कर रहे हैं। 1993 से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने चार बार जीत दर्ज की, दो बार हार का सामना किया । 2018 के विधान सभा चुनाव में अकबर ने 59 हजार 284 मतों से जीत दर्ज की, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे अधिक है।  अकबर को कुल एक लाख 36 हजार 320 मत मिले, जो इस विधानसभा में हुए कुल वैध मतों का 53.84 प्रतिशत है।


छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर की भगवान शिव में आस्था है और वह कई साल से सावन के महीने में भगवान शिव की अराधना करते आ रहे हैं। मोहम्मद अकबर जब पहली बार राजनीति में आए और मंडी अध्यक्ष बने तब भी उन्होंने रायपुर में पहला राम मंदिर बनवाया था। साल 1998 में विधायक बनने के बाद से ही वह लगातार मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते रहे हैं। इतना ही नहीं मोहम्मद अकबर हिंदू समुदाय के सभी धार्मिक आयोजनों में लगातार शामिल होते रहे हैं। कवर्धा के कई मंदिरों में उनके नाम से पहली जोत जलती है। कबीरधाम का ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है और सदियों से यहां सावन के पवित्र महीने में कावंड़ियों द्वारा मां नर्मदा सहित अन्य पवित्र नदियों का जल लाकर चढ़ाने की परंपरा रही है। मोहम्मद अकबर का इस मंदिर से उनका विशेष लगाव और आस्था है। यही वजह है कि जब भी वक्त मिलता है तो यहां पूजा अर्चना करने आ जाते हैं।


राम जन्मभूमि आंदोलन के समय जब पूरे देश में मंदिर निर्माण को लेकर जन-जन में एक जोश था। उस समय मोहम्मद अकबर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष थे। उन्होंने राम मंदिर मॉडल की तर्ज पर रायपुर में मंदिर निर्माण शुरू किया।  ढाई दशक पहले मोहम्मद अकबर ने अयोध्या में प्रस्तावित डिजाइन के आधार पर इस मंदिर को बनवाया। जब अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन का शोरगुल शुरू ही हुआ था, तब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यह मंदिर बन गया था। मंदिर की डिजाइन वही रखी गयी थी, जो राममंदिर आंदोलन के पोस्टरों में दिखाई जाती है। अकबर की आस्था इतनी अटूट है कि मंदिर निर्माण के बाद से हर वर्ष दोनों नवरात्र में दीप प्रज्वलित करवाते हैं। खास बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण को लेकर न तो अकबर ने कभी दावा किया, न ही किसी प्लेटफार्म पर इसका जिक्र ही करते हैं।

Related News
thumb

7 मई का इतिहास : आज ही के दिन हुआ था रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म

ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 7 मई वर्ष का 127वॉ (लीप वर्ष मे 128 वॉ) दिन है। आईये जानते हैं 07 मई की ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जिन्हे जानकर आपका ...


thumb

सालेम इंग्लिश स्कूल के बच्चों ने लहराया परचम

सोमवार 6 मई 2024 को सीआईएससीई (काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन) का परीक्षा परिणाम जारी किया गया। इसमें राजधानी के द रेडियंट वे, र...


thumb

6 मई का इतिहास : आज ही के दिन हुआ था मोतीलाल नेहरू का जन्म

दुनिया में 5 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। may 6 in indi...


thumb

वैक्सीन पर सतर्कता से विचार की जरुरत

जब कोरोना वैक्सीन को लेकर शिकायतों और चर्चा का माहौल गरम है, तो अन्य सभी वैक्सीनों पर पूरी सतर्कता के साथ विचार करने की जरूरत है। Need to carefully...


thumb

5 मई का इतिहास: आज ही के दिन हुआ था संगीतकार नौशाद अली का निधन

दुनिया में 5 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। May 5 in Indi...


thumb

4 मई का इतिहास: आज ही के दिन हुआ था पंडित किशन महाराज का निधन

दुनिया में 4 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। May 4 in Indi...