रायपुर। यदि सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हिमांशु गुप्ता को छत्तीसगढ़ के अगले पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने की संभावना है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा जो 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं 21 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और उनके स्थान पर हिमांशु गुप्ता का नाम सबसे आगे है।
हिमांशु गुप्ता का नाम चर्चा में आने के बावजूद उनकी नियुक्ति को लेकर कुछ विवाद भी है। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम जो वरिष्ठता में गुप्ता से ऊपर हैं, के बजाय गुप्ता को डीजीपी बनाने का निर्णय कठिन हो सकता है। हालांकि पिछले रुझानों को देखते हुएए वरिष्ठता को नजरअंदाज करके नियुक्ति करने की संभावनाएं भी हैं।
डीजीपी पद के लिए प्रतिस्पर्धा में शामिल अन्य वरिष्ठतम अधिकारी शिव राम प्रसाद कल्लूरी भी हैं जो 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बावजूद इसके कुछ कारणों के चलते हिमांशु गुप्ता को सत्ताधारी दल की पहली पसंद बताया जा रहा है।
अभी तक तीन अधिकारियों को पुलिस के विशेष महानिदेशक के पद पर नियुक्त करना अनिवार्य है। वर्तमान में राज्य में तीन एडीजी के पदों की रिक्तियां हैं जो दुर्गेश माधव अवस्थी, संजय पिल्लई और राजेश मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद खाली हो गई हैं। एक बार यह पद भरे जाने के बादए डीजीपी नियुक्ति की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
सूत्रों ने संकेत दिया है कि अरुण देव गौतम को स्पेशल डीजी एफएसएल और शिव राम प्रसाद कल्लूरी को स्पेशल डीजी होम गार्ड्स के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद हिमांशु गुप्ता को डीजीपी बनाया जाएगा। इसके अलावाए 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेकानंद सिन्हा को एडीजी एडमिनेस्ट्रेशन बनाए जाने का संकेत भी दिया गया है।
हिमांशु गुप्ता की संभावित नियुक्ति के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस को एक नया नेतृत्व मिलेगा। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि वरिष्ठता को नजरअंदाज करने के इस निर्णय को कैसे स्वीकार किया जाएगा और इसका पुलिस प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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