पर्यटन के मानचित्र में उभरेगा कोरिया का झुमका डेम

02-February-2024

छत्तीसगढ़ के कोरिया अपनी प्राकृतिक संसाधनों और सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं। प्रकृति की गोद मे बसे और हरियाली की चादर से ढंके जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के बेहद नजदीक में एक ऐसा डैम है, जो प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद है। खासतौर पर इस डैम पर सुबह सूरज उगते और शाम होते ही सूरज की लालिमा अति सुन्दर व मनमोहक नजर आती है।


बता दें कोरिया जिले के मुखिया, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की दूरदर्शी सोच इस बात की साक्षी बनने जा रही है कि विशाल झुमका डैम में महोत्सव मनाने की कवायद विगत वर्ष से शुरू की गई थी। इस वर्ष भी दो दिवसीय झुमका जल महोत्सव का आयोजन 1 व 2 फरवरी 2024 को किया जा रहा है।


इस आयोजन के सम्बन्ध में कलेक्टर श्री लंगेह का विचार भी जबरदस्त है। वैसे तो श्री लंगेह मूलतः जन्नत की नगरी के रूप में पूरे जग में प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीर से हैं। उनके रग-रग में प्रकृति की सौंदर्य की बोध देखते ही बनती है। उन्होंने बताया कि कश्मीर की तरह कोरिया को भी प्रकृति ने अनेक अमूल्य उपहार दिए हैं, प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है। 


इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जल की महत्ता, प्रकृति की सुंदरता, हरियाली से सराबोर, स्थानीय विकास, रोजगार, पर्यटकों के लिए सुकून की छांव को जन-जन तक इसकी लोकप्रियता को संरक्षित करने के उद्देश्य से और पर्यटन के मानचित्र में इस स्थान को उभारने का एक अभिनव प्रयास है।


प्रकृति प्रेमी, जंगल और पहाड़ के नजारे देखकर बेहद रोमांचित होते हैं। अगर हम आपको कहें कि ऐसा नजारा आपके शहर और प्रदेश में है, तो आपको बेहद आश्चर्य होगा। लेकिन हां कोरिया जिले के बैकुंठपुर में एक ऐसे डैम है, जो प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन जाता है। 


इस खबर के बाद आपको शहर के नजदीक जंगल, पहाड़, नदी और तालाब की तलाश दूर हो जायेगी। यह स्थल आपको अलग तरह की अनुभूति प्रदान करेगा। यहां हर सुबह-शाम शहरवासी घूमने आते हैं, वहीं सुबह से शाम तक यह स्थल मन को सुकून देने का भी महत्वपूर्ण स्थान भी है ।


बैकुंठपुर नगर पालिका व कोरिया पैलेस से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर झुमका डैम मशहूर है, जो दूर से पहाड़ देखते ही मन कह उठता है, थैक्स गॉड.! इसकी खूबसूरती इतनी है कि हर शाम सनसेट देखने शहरवासी यहां घूमने आते हैं। 


जिला प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम के लिए देश के जाने-माने कलाकारों मीत बद्रर्स, बॉलीवुड डांस ग्रुप, निहाल टैरो, नचिकेत लेले, शनमुख प्रिया, अलंकार सूफी बैंड के अलावा स्थानीय कलाकारों को भी अपने हूनर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने प्रतिभा दिखाने के लिए मंच दिया गया है।


दो दिवसीय इस आयोजन में गीत, वादन, नृत्य, पेंटिंग स्थानीय प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा का हूनर दिखाने का भी अवसर दिया गया है। इनमें अभिरुचि रखने वाले कलाकारों से ऑन लाइन प्रविष्टियों भी मंगाई गई थी। ऐसे कलाकारों का चयन कर उन्हें मंच प्रदान किया जाएगा और सम्मान के साथ पुरस्कार भी दिया जाएगा।


इस डैम में बोट की भी सुविधा है, जो बेहद रोमांचक होते हैं, बाहर से आने वाले पर्यटक इसका लुत्फ उठाए नहीं रहते। वैसे इस डैम में शिकारा बोट चलाने की भी तैयारियां प्रारंभिक तौर पर शुरू की जा रही है। सम्भवतः प्रदेश में इस तरह का बोट चलाने की पहली शुरुआत कोरिया से होने की सम्भावना है।


शिकारा एक प्रकार की लकड़ी की नाव है जो मुख्यत: जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील में प्रयोग में लाई जाती है। जम्मू कश्मीर के अलावा शिकारे जैसी नावें भारत के राज्य केरल में भी प्रयोग की जाती है। शिकारे विभिन्न आकारों में बनाये जाते हैं और लोगों के परिवहन सहित अन्य कई उद्देश्यों के लिए उपयोग में आते हैं। एक सामान्य शिकारे में लगभग छ लोग बैठ सकते हैं, और नाविक इसे पीछे की तरफ से खेता है।


अगर आप भी अपने परिवार, दोस्त के साथ सुकून के पल बिताना चाहते हैं और इस आयोजन का साक्षी बनना चाहते हैं तो झुमका डैम आपके लिए 1 व 2 फरवरी 2024 बेस्ट ऑप्शन होगा। वहीं कोरिया जिले घूमने आए प्रकृति प्रेमियों के पास कम समय है तो वो लोग इस डैम को घूमकर प्रकृति के अनुपम धरोहर के साथ रोमांचित हो सकते ळें


लेखक- विजय मानिकपुरी

सहायक जनसम्पर्क अधिकारी


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