प्रतापगढ़, 21 मार्च 2023। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की धरती हमेशा से उर्वरा रही। संतो, मनीषियो और विद्वानों की इस धरती पर महान समाजवादी चिंतक पंडित कृपाशंकर ओझा (Kripashankar Ojha) ने भी जन्म लिया था। 7 मार्च 2023 की रात 10 बजे 95 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी तेरहवीं पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने पंडित कृपाशंकर ओझा के जीवन के रोचक क़िस्से सुनाये।
उन्होंने बताया कि पंडित कृपा शंकर ओझा महान समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया के प्रिय शिष्य रहे। 1954 में वह सोशलिस्ट पार्टी के जिला सचिव थे। उस समय डॉ राम मनोहर लोहिया की पट्टी में मीटिंग आयोजित की गई थी। मीटिंग को कुंवर तेजभान सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने आयोजित किया था। लोहिया जी आए, सोशलिस्ट पार्टी के कार्यालय पर हाथ मुंह धोकर तैयार हुए और बोले गाड़ी कहां है।
ओझा जी ने अपनी साइकिल को दिखाया और कहा कि इसी से आपको चलना है। मैं चला कर ले चलूंगा। नई साइकिल थी, पीछे कैरियर पर उन्होंने अपनी तौलिया बांध दिया। लोहिया जी ने कहा कि तुम जानते हो कि मैं आदमी जिसको खींचता है उस पर नहीं बैठूंगा। ओझा जी ने तुरंत जवाब दिया कि मैं आदमी नहीं मैं कार्यकर्ता हूं। समाजवादियों के पास गाड़ी कहां होती है। उनको साइकिल में पीछे बैठालकर के पट्टी मीटिंग में ले गए।
1962 के अंग्रेजी हटाओ आंदोलन में ओझा जी ने कोलकाता से पंजाब जाने वाली ट्रेन जिस पर इंग्लिश में लिखा रहता था उसमें कालिख पोत दिया और विरोध करते हुए जेल गए। उनके साथ जनपद प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध कवि जुमई खां आजाद भी जेल गए थे।
धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे ने बताया कि 1975 मेरे पिता पंडित सूर्य बली पांडे एडवोकेट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी के नेतृत्व में जेपी आंदोलन चल रहा था। रामकुमार की धर्मशाला के नीचे शर्मा चाय वाले के यहां से चाय पीकर हम लोग निकले। विद्या शंकर पांडे एडवोकेट, अमृत नाथ सिंह एडवोकेट, रामसेवक तिवारी एडवोकेट, अवध नारायण तिवारी एडवोकेट, बलवीर वर्मा, जवाहर श्रीवास्तव, अंबिका सिंह लल्ला, माधव राणा सिंह, अशोक पांडे साथ में थे।
रविंद्र सनातन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पत्रकार ने कहा कि तुम लोग हवा हवाई काम करते हो। जिलाधिकारी सईदुल्ला की बीवी सरकारी गाड़ी से हादी हाल में बैडमिंटन खेलने जाती है। आज भी गई है उसका विरोध करो।
उसकी गाड़ी निकलने पर हम लोग वहां ओझा जी के नेतृत्व में पहुंचे और वह गाड़ी में बैठ चुकीं थीं। गाड़ी के सामने हम लोग बैठ गए राणा कप्तान आए उन्होंने समझाया जाने दीजिए। ओझा जी कहे यह गाड़ी सरकारी है और सरकारी पेट्रोल खर्च होता है। जनता का पैसा है इसका दुरुपयोग हो रहा है।
काफी देर तक वहां पर वाद विवाद चलता रहा। अंत में राणा कप्तान ने और शिव नंदन सिंह कोतवाल ने खुद माफी मांगा और कहा कि अब सरकारी गाड़ी से कभी नहीं आएंगी तब वहां से गाड़ी हम लोगों ने जाने दिया।
25 जून 1975 को आपातकाल लगा लोगों की गिरफ्तारियां होने लगी सबसे पहले रामसेवक त्रिपाठी जी गिरफ्तार किए गए । डीएम की बीवी का जिन लोगों ने विरोध किया था सब की गिरफ्तारी होने लगी। भारी संख्या में लोग मीसा और डीआईआर में गिरफ्तार हुए। एक दिन जेल में पिताजी और ओझा जी बैठकर दाढ़ी बना रहे थे पीछे से जेलर आया शीशे में ओझा जी ने देखा जेलर है। जेलर को बहुत गाली दिया।
उसने जाकर शिकायत किया। बाद में पिताजी अलीगढ़ जेल और ओझा जी को बरेली में जेल भेज दिया गया। वहां जय गुरुदेव विरोध किया कि तुम अपने चेलों को बोरा पहनाते हो और खुद मसलिन की धोती पहनते हो जय गुरुदेव घबडा गए। वहां से फिर आपको बनारस सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
ओम प्रकाश पांडे ने बताया कि मेरे पिताजी को छोड़कर जीवन में उन्होंने कभी किसी का पैर नहीं छुआ उन्हें अपना गुरु मानते थे। हिंदी के प्रबल पक्षधर थे। हिंदी दिवस पर रामानुज आश्रम में आपने कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा आज तक नहीं बन पाई आज अदालत के फैसले इंग्लिश में होते हैं। अदालत में मुकदमे अंग्रेजी में हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दायर किए जाते हैं।
इस देश का दुर्भाग्य है। 25 जून 2021 को आपातकाल की वर्षगांठ पर कोरोना काल में दास ओझा जी को सम्मानित करने के लिए अपने मित्र संतोष दुबे पूर्व सभासद के साथ आपके घर गया। अंगवस्त्रम श्रीफल मिठाई एवं पुष्प भेंट किया । वह भावुक हो गए और कहा कि ओम प्रकाश इस कोरोना कॉल में कोई घर से नहीं निकल रहा है लेकिन तुम अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए यहां आए हो, हमारा आशीर्वाद है तुम सदा स्वस्थ रहो।
अंतिम रूप से सार्वजनिक कार्यक्रम में वह मेरे जन्मदिवस पर 20 दिसंबर 2023 को सायंकाल शैल श्याम पैलेस में आशीर्वाद देने आए थे। तब से आप किसी कार्यक्रम में नहीं गए। ओझा जी जैसा संघर्षशील बेबाक तत्काल हाजिर जवाबी ईमानदार व्यक्ति कभी-कभी अवतरित होते हैं।
कार्यक्रम में पंडित श्याम किशोर शुक्ला अध्यक्ष ग्रामीण विद्यालय, राजेंद्र मौर्य विधायक, आरके वर्मा विधायक, राजकुमार पाल पूर्व विधायक, राजा अनिल प्रताप सिंह, शिव प्रकाश मिश्र सेनानी, देवेंद्र मिश्रा एडवोकेट, अनिल कुमार सिंह लाल साहब, डा लालजी त्रिपाठी अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी, रामअचल बर्मा अध्यक्ष जनसत्ता दल, अश्वनी सिंह, गिरिजेश तिवारी, अजीत सिंह, अशोक सिंह, धर्मेंद्र सिंह, शिवेश शुक्ला, राधे कृष्ण त्रिपाठी एडवोकेट, राजेश्वर त्रिपाठी एडवोकेट, संतोष त्रिपाठी एडवोकेट, चिंतामणि पांडे एडवोकेट, रोहित शुक्ला एडवोकेट, जयप्रकाश मिश्र एडवोकेट, आनंद प्रचंड एडवोकेट, मृदुल जी एडवोकेट, परमानंद पांडे एडवोकेट, विनय सिंह, विजय प्रताप सिंह, आशुतोष त्रिपाठी, आशुतोष पांडे, मकरंद शुक्ला, हरीश शुक्ला, गौरव त्रिपाठी, दिनेश त्रिपाठी, देवता दीन चमार, सरोज कश्यप, गिरीश चंद्र ओझा, जगदीश चंद्र ओझा, दीपक ओझा, कपिल ओझा, सुमित ओझा, अमन ओझा, पराक्रम ओझा, सुयश ओझा, अद्भुत ओझा, अभिज्ञान ओझा सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आपको एक महामानव बताया।
अंत में ओझाजी के तृतीय पुत्र मुक्तेश्वर नाथ मुककू ओझा एडवोकेट प्रतिनिधि गोपाल जी एमएलसी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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