रायपुर। राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक्स पारसा ईस्ट और कांता बासन (पीईकेबी), परसा तथा केंते एक्सटेंशन से कोयला खनन में आ रही बाधाओं को दूर करने में आवश्यक सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के पहले दिन नागर ने रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री साय ने अवगत कराया कि राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक पीईकेबी के वित्त वर्ष 2025-26 से आगामी 6 वर्षों के खनन कार्यों के लिए दी जाने वाली 411 हैक्टेयर वन भूमि के लिए दो दिन पूर्व ही ग्रामसभा से आवश्यक सहमति प्राप्त हो गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण कर इसे उत्पादन निगम को हस्तांतरित करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
नागर ने साय को अवगत कराया कि पीईकेबी के द्वितीय चरण के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 मार्च 2022 को 1136 हैक्टेयर वन भूमि के संबंध में वन मंजूरी प्रदान की थी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की 18 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए जुलाई 2024 की शुरुआत तक उपलब्ध कराई गई 33.97 हैक्टेयर भूमि के साथ ही 74.13 हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को सौंपना आवश्यक है। साथ ही, वित्त वर्ष 2025-26 से अगले 6 वर्षों के खनन कार्यों के लिए उत्पादन निगम ने 411 हैक्टेयर वन भूमि के लिए आवेदन किया हुआ है।
श्री नागर ने बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों तथा छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से पीईकेबी ब्लॉक से 33.97 हैक्टेयर भूमि से कोयले का खनन प्रारंभ हो पाया है। वर्तमान में इस ब्लॉक से प्रतिदिन 9 रैक प्राप्त हो रही है, जिससे राजस्थान के कोयले की समस्या दूर हुई है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि आवंटित अन्य कोल ब्लॉक परसा में वृक्षों एवं भूमि हस्तांतरण को छोड़कर 221 हैक्टेयर क्षेत्र में खनन कार्य शुरू करने से संबंधित अन्य सभी आवश्यक वैधानिक स्वीकृतियां केन्द्र एवं राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा जारी की जा चुकी हैं। उन्होंने आग्रह किया कि दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उत्पादन निगम को भूमि का हस्तांतरण तथा वन विभाग से अनुमति छत्तीसगढ़ सरकार के स्तर पर लंबित है। उन्होंने इस दिशा में भी छत्तीसगढ़ सरकार से जल्द सहयोग का आग्रह किया। इस कोल ब्लॉक से प्रतिदिन तीन रैक तक प्राप्त हो सकेगी।
नागर ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक में खनन कार्य शुरू करने के लिए वहां की सरकार के स्तर पर लंबित वैधानिक स्वीकृतियां प्रदान करने के कार्य को शीघ्र गति प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि यह कोल ब्लॉक प्रति दिन 5 रैक कोयले की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा। नागर ने इस ब्लॉक के लिए आवश्यक जनसुनवाई शीघ्र आयोजित करने का भी आग्रह किया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में नागर ने छत्तीसगढ़ सरकार से राजस्थान के कोयला खनन परियोजनाओं में तेजी लाने और आवश्यक सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया, जिससे दोनों राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय में वृद्धि हो सकेगी।
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