ब्यूनस आयर्स, 6 फरवरी 2025। अर्जेंटीना ने भी WHO से किनारा कर लिया है। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ रिश्ते खत्म करने का एलान कर दिया है। उन्होंने कई मतभेदों की वजह से संयुक्त राष्ट्र एजेंसी से अपने देश के हटने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति जेवियर माइली का फैसला उनके साथी और मित्र देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से मिलता जुलता है। ट्रंप ने 21 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के पहले ही दिन एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
WHO से एक और सदस्य देश के बाहर चले जाने से वैश्विक स्वास्थ्य में सहयोग और अधिक कम हो जाएगा। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन को 2024-2025 के लिए अनुमानित 6.9 अरब डॉलर बजट में से अर्जेंटीना से केवल लगभग 80 लाख अमेरिकी डॉलर मिलने की अपेक्षा की गई थी।
अर्जेंटीना ने दिया ये तर्क
अर्जेंटीना के प्रवक्ता मैनुअल एडोर्नी ने ब्यूनस आयर्स में कहा कि अर्जेंटीना का फैसला खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन में गहरे मतभेदों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि उस समय डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के कारण मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ा बंद हुआ।
WHO के पास देशों को विशिष्ट स्वास्थ्य कार्रवाई करने के लिए बाध्य करने का कोई अधिकार नहीं है। संगठन के दिशा-निर्देशों और सिफारिशों की अक्सर अवहेलना की जाती है।
इसमें कोविड-19 जैसे स्वास्थ्य संकट भी शामिल हैं। हालांकि, एडोर्नी ने यह नहीं बताया कि माइली का निर्णय कब लागू होगा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि कुछ देशों के राजनीतिक प्रभाव के कारण डब्ल्यूएचओ की स्वतंत्रता में कमी आई है।